Tuesday, September 21, 2010

धर्म,भगवान् और हम

भगवान् वैसे ही हैं जैसा रिश्ता

हम माने की एक औरत हमारी माँ है और हम जब भी मुश्किल में होंगे वो हमारा सहारा होगी, हमारे आशु पोछेगी और हमे आगे बढ़ने का हौसला देगी और हम चाहे तो ये भी सोच सकते हैं की माँ वो है जिसने हमे पैदा किया बस और कुछ भी नहीं किसी भी मुश्किल में वो कुछ नहीं कर सकती तो वो सच में कुछ नहीं कर पाएगी

धर्म वो है जो हमे इस रिश्ते पे विश्वास दिलाने की कोशिश करता है

और हम वो हैं जो चाहे तो विश्वास करे या फिर इस दुनिया में निरे अकेले रहे !

चाह हमारी है फैसला हमारा है

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