Wednesday, May 14, 2008

ख्वाब सा शहर

बादलों के पार हैं वो सारे ख्वाब पाने को जिन्हें सब हैं बेताब
ना ढलता हो दिन कभी ना होती हो रात
हर खुशी हो अपनी तेरा हो साथ
गम की जहाँ न हो कोई पहचान खाव्बों सा शहर एक प्यार का जहाँ
सितारों के पास रखके बादलों पे पाँव गाऊ गुन्गुनाऊ ,छेङू ऐसी कुछ तान
सुरीले हो साज़ सब मीठा हो गान नाचू मै झूम के हवाओं के साथ
छेङू मै फूलों को मिलके भँवरो के साथ जुगनुओं से मिलके करू रोशन ये जहाँ
कर लू पूरे दिल के वो सारे अरमां बाँध के शमा बना दु हर पल को खाश
सँवारू मै बचपन भर दूँ जीने की आश स्पर्श हो प्यार का मोहब्बत का हो प्रयाश
कर लूँ वो सारे सपने साकार खुशियों से भरा हो अपना ये जहाँ
खाबों सा शहर एक प्यार का जहाँ !!!!!!