Tuesday, August 10, 2010

सावन

आया सावन झूम के !!!
बारीस के दिन है, खूब बारीस हो रही है
मै ही क्यूं सुखी रह जाऊ
बस निकल पड़ी उस दिन उनके साथ
यूं ही बारीस में घूमते रहे, लोग देखते कुछ जिज्ञासा से कुछ आश्चर्य से तो कुछ जलन से
हमे यूं घूमते और मस्ती करते पानी में छप्पा छई करते,झूला झूलते
दूसरे दिन ये हरी चूड़िया लेकर आये
लगा अभी बीते नहीं दिन सावन के
अब भी आता है सावन झूम के!!!!

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